सांसों में जिसे महसूस करते हैं वो आप हैं,
हर आहट पर जिसकी अहसास होती है वो आप हैं,
हवा भी चले तो ऐसा लगता है आप हैं,
हम आँखें बंद करें तो बंद आँखों में भी आप हैं,
क्या कहें मेरे लिए तो सारी कायनात ही आप हैं.
शनिवार, नवंबर 28, 2009
सांसों में जिसे महसूस करते हैं वो आप हैं
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2 comments:
mai kuch kahu to aap ki nahi is kavita ki ,,,,,,,,, kya kahu kuch shabd nahi hai
sukria meri kavita pasand aayi.............
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