ग़मगीन बेसहारों के घर को आबाद करें,
कुछ पल ही सही यतीमों को शाद करें |
ता -दम -ए ज़ीस्त नेकी में बर्बाद करें ,
शायिस्तगी हो सब में फरियाद करें |
बन कर शब माह तारीकी को बर्बाद करें,
सहराई को गुलशन सा आबाद करें|
दर्दमंदों के खिदमत में आगे हाथ करें,
बाद मरने के भी "रजनी" लोग याद करें |
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"
कुछ पल ही सही यतीमों को शाद करें |
ता -दम -ए ज़ीस्त नेकी में बर्बाद करें ,
शायिस्तगी हो सब में फरियाद करें |
बन कर शब माह तारीकी को बर्बाद करें,
सहराई को गुलशन सा आबाद करें|
दर्दमंदों के खिदमत में आगे हाथ करें,
बाद मरने के भी "रजनी" लोग याद करें |
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"