मेरे शब्द ,मेरे विचार .
जिस दिन ये भरम टूट जायेगा उस दिन हम भी बिखर जायेंगे तिनके के जैसे .
तो अच्छा है हम भी इसी भरम में खुश रहें , जिसमे दुनिया खुश रहती है|
"मेरे पास सब कुछ है "
अपनी गलतियों पर पर्दा डालने से अच्छा है उन्हें बखूबी स्वीकार कर सुधारा जाये |
एक के कदम "हजारों के रास्ते बनते हैं " तो क्यों न हम " हर रोज़ एक नयी राह बनाएं |
जिस शक्ति (नारी ) की जयगाथा पुरानो में शोभ रही थी,
आज अपनी ही कमजोरी से वो कहीं कहीं शक्तिहीन है (नारी)
अपनी कमजोरी को और कमजोर न बना कर, उसे अपनी शक्ति बनाओ
फिर "तलवार भी तुम और ढाल भी तुम" |
सही अर्थ में पुरुष वही है जो अपने बल का प्रयोग असहायों के सहयोग के लिए करें,
न की निर्बल व् अबला पर बल आजमा कर |
कहते हैं आँसू हमें कमजोर बनाते हैं, नहीं ये हमें और मजबूती प्रदान करते हैं अपने लक्ष्य को पाने की "|
हर राह आसान होगी "बस संकल्प पक्का होना चाहिए "
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "