टूटा हुआ इंसान,
टुकड़ों में जीता तो है,
पर टुकड़ों की तरह,
पर उसे टूटने के बाद,
जोड़ा जाए,
तो वो जी उठता है,
फिर जोड़ने के बाद तोड़ दो,
तो वो जीता नहीं,
चूर हो जाता है,
इसीलिए कभी किसी,
टुकड़े में जी रहे ,
इंसान को मत जोड़ना,
अगर जोड़ने की जरूरत की भी,
तो उसे फिर चूर मत होने देना,
क्योंकि ,
चूर का मतलब ही होता है,
पूरी तरह से बिखरा हुआ,
और जो बिखर जाए,
उसका कोई वजूद नहीं होता.
शनिवार, नवंबर 28, 2009
और जो बिखर जाए उसका कोई वजूद नहीं होता
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