रफ़्ता रफ़्ता ख़ुदकशी का मज़ा हमसे पूछिये
वफ़ा के बदले मिलती है जफा , हमसे पूछिये.
हर साँस में बस जाये जो धड़कन बन कर
उसे ताउम्र न भूल पाने की ख़ता हमसे पूछिये.
एक बार में कैसे पी जाते हैं जाम लोग
घूंट -घूंट कर पीने का मज़ा हमसे पूछिये.
दोस्त भी दोस्ती नहीं निभाते हैं आजकल
दुश्मनों से भी निभाने की अदा हमसे पूछिये.
क़ातिलों को दे दी रिहाई , उम्र क़ैद ख़ुद को
मेरी ये सादगी लिल्लाह हमसे पूछिये.
वफ़ा के बदले मिलती है जफा , हमसे पूछिये.
हर साँस में बस जाये जो धड़कन बन कर
उसे ताउम्र न भूल पाने की ख़ता हमसे पूछिये.
एक बार में कैसे पी जाते हैं जाम लोग
घूंट -घूंट कर पीने का मज़ा हमसे पूछिये.
दोस्त भी दोस्ती नहीं निभाते हैं आजकल
दुश्मनों से भी निभाने की अदा हमसे पूछिये.
क़ातिलों को दे दी रिहाई , उम्र क़ैद ख़ुद को
मेरी ये सादगी लिल्लाह हमसे पूछिये.