तुझे जितनी मुझसे नफरत है,
तेरी उतनी ही मुझे ज़रूरत है.
तेरे मद भरे यह दो नैन ,
क्या बताऊँ कितनी खुबसूरत हैं.
परवाने की फ़िक्र मत कर ,
आग में जलना इसकी फितरत है.
जब आँखों में पर्दा पड़ा हो ,
ख़ूबसूरती भी लगता बदसूरत हैं.
जो ख़्वाब बुनते हैं लगन से,
वो टूट कर भी रहता खुबसूरत है .
जानती हूँ कोई तोड़ नहीं पायेगा,
फिर भी तुमसे टूटना मेरी क़िस्मत है.
बंध कर और नहीं रहा जायेगा,
अब टूट कर बिखरने की चाहत है.
तुझे जितनी मुझसे नफरत है,
तेरी उतनी ही मुझे ज़रूरत है|
तेरी उतनी ही मुझे ज़रूरत है.
तेरे मद भरे यह दो नैन ,
क्या बताऊँ कितनी खुबसूरत हैं.
परवाने की फ़िक्र मत कर ,
आग में जलना इसकी फितरत है.
जब आँखों में पर्दा पड़ा हो ,
ख़ूबसूरती भी लगता बदसूरत हैं.
जो ख़्वाब बुनते हैं लगन से,
वो टूट कर भी रहता खुबसूरत है .
जानती हूँ कोई तोड़ नहीं पायेगा,
फिर भी तुमसे टूटना मेरी क़िस्मत है.
बंध कर और नहीं रहा जायेगा,
अब टूट कर बिखरने की चाहत है.
तुझे जितनी मुझसे नफरत है,
तेरी उतनी ही मुझे ज़रूरत है|