मैं बहुत परेशान हूँ अपने देश के हालत पर,
कोई लड़ रहा भाई- भतीजा कोई जातिवाद पर |
सरहद पर खून शहीदों का जैसे वारि की धारी है ,
हर दिन नए घोटालों में सनी सियासत सारी है |
जज़्बे पर हालात कभी, हालात पर जज्बा भारी है ,
हो जाओ तैयार नस्ल-ए-नव अब तुम्हारी बारी है |
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"
कोई लड़ रहा भाई- भतीजा कोई जातिवाद पर |
सरहद पर खून शहीदों का जैसे वारि की धारी है ,
हर दिन नए घोटालों में सनी सियासत सारी है |
जज़्बे पर हालात कभी, हालात पर जज्बा भारी है ,
हो जाओ तैयार नस्ल-ए-नव अब तुम्हारी बारी है |
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"