बहुत रंग हैं जीवन के, जिसमे ग़म का रंग गहरा है
खुशियों के सांचों पर तो, ग़मों का ही पहरा है
ये मदमस्त समीर तू छेड़ कोई तराना
जिसमे न बचे दुहराने को कोई अफ़साना
तेरे संग हम भी चलो वहां तक चल जायें
कोई भी ग़म मुझे जहाँ का न रुलाये सताये
ख़ुद ही हमने ख़ुद को इतने ज़ख्म लगाये
अब तो असह्य है ये पीड़ा जो अब सही न जाये
न जाने ये कैसी पीड़ा है जो कभी दब जाती है
कभी- कभी मन के अग्न को और बढ़ाती है
क्यों खुशियों के साथ ग़मों का भी समावेश है ?
क्यों हर ज़िंदगी में कुछ- कुछ इसका भी प्रवेश है ?
बहुत रंग हैं जीवन के जिसमे ग़म का रंग गहरा है,
खुशियों के सांचों पर तो ग़मों का ही पहरा है
किसकी अब बात हो, करे किस पर यकीं ज़माना,
अपने बेगाने सभी दे देते हैं ग़म का नज़राना
ये ग़म हर ज़ख्म पर मरहम लगाता है
कुछ पल करता चोट उसी से जीना सिखाता है
बहुत रंग हैं जीवन के, जिसमे ग़म का रंग गहरा है
ख़ुशियों के सांचे पर तो ग़मों का ही पहरा है
ग़म से भागते हैं इससे ही जीवन रुपहला है
बहुत रंग हैं जीवन के जिसमे गम का रंग गहरा है
14 comments:
बहुत बढ़िया प्रस्तुति!
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घूम-घूमकर देखिए, अपना चर्चा मंच ।
लिंक आपका है यहाँ, कोई नहीं प्रपंच।।
बहुत ही बढ़िया..
खूबसूरत हृदयस्पर्शी प्रस्तुति है आपकी.
गम के गहरे रंग को अभिव्यक्त करती.
प्रस्तुति के लिए आभार आपका.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,रजनी जी,
नवीन पोस्ट आज ही जारी की है.
आपके आने से मेरा उत्साहवर्धन होता है.
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति...
कितनी प्रोत्साहन देती पंक्तियाँ है...... बहुत बढिया रचना
aap sabhi ko hardik naman aap sabhi ki tippniyan mere hausle ko aur badhate hain..........
wah ...bahut sunder rachna ....
मन को छूती भावपूर्ण रचना |
आशा
बेहतरीन रचना।
सादर
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जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है
Sangeeta didi.......
Asha ji.......
Anupma ji........
Atul ji.....
Yashvant mathur ji.........
aap sabhi ko mera hardik aabhar......
खुशियों पर तो गम का पहरा है
बहुत ही सुन्दर ,बेहतरीन रचना है
बेहतरीन भावों से सजी बेहतरीन प्रस्तुति ! मन को मोहने वाली अनुपम रचना ! बधाई स्वीकार करें !
अनुपम भाव संयोजन ...बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
Shadhna ji......taledil se sukriya.....
Reena ji .......hardik aabhar..
Sada ji aapko bhi mera hardik sukriya.......
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