अब तो हर शय पर तू छाने लगा है,
हर शख्स पे तेरा चेहरा नज़र आने लगा है.
चाहत में मिलेगी ऐसी सजा, मालूम न था,
याद रह ,रह कर मुझको सताने लगा है.
भर जाते हैं ख्वाब आँखों में, नींद आये बिना,
तू तो जगती आँखों में ,सपना दिखाने लगा है.
खामोशियाँ तेरे करते हैं बेचैन मुझे,
रहना तेरा इस कदर ,मुझे पागल बनाने लगा है.
कभी वक़्त को हम आजमाते थे,
आज वक़्त हमें ,आजमाने लगा है.
कटते ही नहीं हैं ये लम्हे ये घड़ियाँ,
मौसम भी अजीब रंग दिखाने लगा है.
अब तो हर शय पर तू छाने लगा है,
हर शख्स पे तेरा चेहरा नज़र आने लगा है.
BY---------- RAJNI NAYYAR MALHOTRA
सोमवार, जनवरी 18, 2010
हर शख्स पे तेरा चेहरा नज़र आने लगा है
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3 comments:
अब तो हर शय पर तू छाने लगा है,
हर शख्स पे तेरा चेहरा नज़र आने लगा है.
bahaut acchi lagi pahli do lines ...
baaki ppoem to acchi hai hi
अब तो हर शय पर तू छाने लगा है,
हर शख्स पे तेरा चेहरा नज़र आने लगा है.
bahut khoob rajni ji piaare ehsaas hain
thanks bhaiya nd manjit ji.............bas apna saath aur pyar dete rahen.........
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