कहते हैं तमन्ना ना कर उस ख्वाब की जो पूरी न हो सके,
देखो ना उस नजर को जो तुम्हे देख ना सके,
लेकिन हम कहते हैं कोशिश जरुर करना कुछ पाने की,
क्योंकि सौ ख्वाब देखो तो एक पूरी होती है,
शायद इन सौ को देखते,ज़िन्दगी के हर ख्वाब पूरे हो सके
शुक्रवार, नवंबर 27, 2009
कहते हैं तमन्ना ना कर उस ख्वाब की जो पूरी न हो सके
Posted by डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) at 27.11.09
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