विश्व पुस्तक दिवस की बधाई
अक्षर -अक्षर अमर हो गए पाकर रूप किताबों के
भाव उतर आए पन्नों में बढ़ गए क़ीमत जज़्बातों के
दोहे गीत ग़ज़ल कोई किस्सा कविता या फिर चौपाई
विषय बने दुनियादारी कुछ राजनीतिक हालातों के
"लारा"
अक्षर -अक्षर अमर हो गए पाकर रूप किताबों के
भाव उतर आए पन्नों में बढ़ गए क़ीमत जज़्बातों के
दोहे गीत ग़ज़ल कोई किस्सा कविता या फिर चौपाई
विषय बने दुनियादारी कुछ राजनीतिक हालातों के
"लारा"
3 comments:
स्याही कलम कागज अल्फाज मिलकर बना डाले किताब और इन किताबों ने समेटे सांझा किये ,दुनिया भर के किस्से कहानी ,अनुभवों के भंडार ,तभी हमने जाना समझा मन के भाव,विचार और साथ ही जाना बीते कल का इतिहास ,जिसमें भूत, भविष्य ,वर्तमान के साथ युगों,युगों की गाथा जीवन की परिभाषा ,समय परिवर्तन ,उतार-चढ़ाव के साथ रहा सही-गलत का हिसाब ।तभी तो किताबें हमारी है ज्ञान का आधार ।
चन्द शब्दों में सुंदर वर्णन किया है ,बहुत अच्छा लगा ,नमस्कार
सुन्दर मुक्तक
आभार आदरणीय 🙏
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