जो गिर गए निगाहों से उन्हें उठा रही हूँ
माना है मुश्किल फिर भी करके दिखा रही हूँ
बदला है वक़्त ऐसा हालात मुश्किलों में
मैं साथ वक़्त के इन्हें चलना सिखा रही हूँ
इस दिल के आँगने में तुमने कभी थे रोपे
उन्ही फले जज़्बात को शायद मैं गा रही हूँ
दर्द के संग करके ख़ुशियों की सगाई
विदा होने की रस्मों को निभाये जा रही हूँ
पुरानी याद की अल्बम हूँ बैठी खोलकर अपनी
जमी जो धूल बरसों से हटाये जा रही हूँ
माना है मुश्किल फिर भी करके दिखा रही हूँ
बदला है वक़्त ऐसा हालात मुश्किलों में
मैं साथ वक़्त के इन्हें चलना सिखा रही हूँ
इस दिल के आँगने में तुमने कभी थे रोपे
उन्ही फले जज़्बात को शायद मैं गा रही हूँ
दर्द के संग करके ख़ुशियों की सगाई
विदा होने की रस्मों को निभाये जा रही हूँ
पुरानी याद की अल्बम हूँ बैठी खोलकर अपनी
जमी जो धूल बरसों से हटाये जा रही हूँ
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