जिसे देखूं पल ,पल ख्वाबों में,
जिसे सोंचे मन ख्यालों में,
कोई और नहीं ,वो हो तुम.
मेरे प्रियतम ,प्रियतम, प्रियतम.
अश्कों के नीर बहायें हम,
नैनो के दीप जलाएं हम.
पथ आलोकित करने को तेरा,
सलभ सा जलते हैं हम.
जिस लम्हा तुमको पाते हैं,
हम कितना ही हरसाते हैं.
मन के कोमल बागों में,
कितने ही सुमन मुस्काते हैं.
सूखे अधरों की प्यास हो तुम,
मेरे जीने की आस हो तुम.
जिस मंजिल की मै राही हूँ,
वो मंजिल वही तलाश हो तुम.
जिसे देखूं पल ,पल ख्वाबों में,
जिसे सोंचे मन ख्यालों में,
कोई और नहीं ,वो हो तुम.
मेरे प्रियतम ,प्रियतम, प्रियतम.
भर गया अंक तरंगों से,
प्रफुलित है मन उमंगों से.
आरम्भ हुआ है दिवस मेरा,
तेरे प्रेम के नव रंगों से.
रंजों का तिमिर भगाया है,
उल्लास को मन में जगाया है.
मै काया हूँ,तू काया की साया है.
जिसे देखूं पल ,पल ख्वाबों में,
जिसे सोंचे मन ख्यालों में,
कोई और नहीं ,वो हो तुम.
मेरे प्रियतम ,प्रियतम, प्रियतम.
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"
15 comments:
bahut sunder likha hai
रजनी जी आपके प्यार भरे हृदय को नमन
आपके 'प्रियतम' को नमन,जिनके लिए
आपने अपने हृदय का प्रेम उंडेला.
आपकी अनुपम प्रस्तुति को नमन जो प्यार के रंगों से ओत प्रोत है.
मेरे ब्लॉग पर आईये.मेरी पोस्टें भी आपका इंतजार कर रहीं हैं.
hardik aabhar .....
Roshi ji ....
Rakesh ji ....
रजनी जी, सुन्दर रचना के लिए आभार
hardik aabhar lalit ji ..........
भावमय करते शब्दों के साथ बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
सूखे अधरों की प्यास हो तुम,
मेरे जीने की आस हो तुम.
जिस मंजिल की मै राही हूँ,
वो मंजिल वही तलाश हो तुम.
....प्रेम में समर्पण की बहुत सुन्दर प्रस्तुति..बहुत भावपूर्ण प्रेमगीत..
hardik aabhar ..... kailash ji ..
sada ji .......
कमाल का लिखा है रजनी जी
बधाई।
hardik aabhar divya ji .........sneh sada bana rahe aap sabhi ka ...
रजनी जी गीत अच्छा लगा । इसमें एक शब्द है सलभ । मेरे विचार से इसे शलभ होना चाहिये ।
भावपूर्ण सुंदर रचना
मन के निश्छल भावों को शब्दों में पिरों बहुत ही सुन्दर प्रेमगीत रचा आपने.....
mera hardik aabhae aap sabhi ko ....
ranjna ji .....
girija mam....
mahendra ji .........
बेहतरीन प्रस्तुति ।
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