हर राह में ,
यदि फूल बिछे हों,
हर राह यदि ,
बिन मोड़ ,
गुजर जाए,
अँधेरा ना हो तो,
रौशनी कि,
जरुरत को ,
कोई ना,
जान पाए,
ज़िन्दगी भी,
एक राह है,
जो फूल के,
संग शूल,
अँधेरे के संग,
प्रकाश की,
चलते कदम को ,
एहसास कराए.
"रजनी"
मंगलवार, दिसंबर 15, 2009
हर राह यदि बिन मोड़ गुजर जाए
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2 comments:
wah rajni ji bahut accha likha hai ........jindagi bhi ek raah hai ..........thanx
ji bilkul zindagi ek raah hai.............
sukriya amrendra ji..........
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