होली हास्य में डूबी हुई एक ग़ज़ल 👇
आज उसने कहा,जा तुझे इश्क़ हो
हाल दिल का सुना,जा तुझे इश्क़ हो
दिलरुबा कोई तुझको मिले प्यार से
तू भी हो बावरा, जा तुझे इश्क़ हो
हिज्र का ग़म तुझे भी सताये कभी
तू करे रतजगा, जा तुझे इश्क़ हो
क्यों दहलता है तू प्यार के नाम से
इश्क़ में डूब जा, जा तुझे इश्क़ हो
कौन देता किसी को हसीं ये दुआ
ले गुलाबी दुआ, जा तुझे इश्क़ हो
डॉ. रजनी मल्होत्रा नैय्यर
बोकारो थर्मल, झारखंड