शुक्रवार, सितंबर 04, 2015

कृष्ण जन्माष्टमी   की हार्दिक शुभकामनायें

भाद्रपद की तिथि    अष्टमी
कृष्ण  जन्म   का   त्यौहार


 फिर से    जाओ   कान्हा
 तुम  लेकर    कोई   अवतार

वंशी बजईया   रास  रचईया
करने   दुष्टों     का     संहार


कह  रही  विवश   धरा तुमसे
बढ़ गया कंश का   अत्याचार


जहाँ तुमने    था  जन्म लिया
सुनले  कोई अर्जुन रहा  पुकार

1 comments:

Shanti Garg ने कहा…

सुन्दर व सार्थक रचना ..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...