जिनको चाहा किये दोस्तों की तरह,
वो बदलते रहे मौसमों की तरह .
मै दीया था सर-ए - राह जलता रहा,
आंधियां तेज़ थी पागलों की तरह.
है तकद्दुस दिलों में जर- ओ - माल का ,
जाने क्यों मंदिरों मस्जिदों की तरह.
वह घड़ी भर में झंझोड़ कर चल दिया,
मेरे जज्बात को आँधियों की तरह.
दास्तान -ए-दर्द दिल मेरी आँखों से ,
आज "रजनी" रवाँ आंसुओं की तरह .
तकद्दुस--श्रद्धा
रवाँ -- बहना ,जारी रहना.
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "
वो बदलते रहे मौसमों की तरह .
मै दीया था सर-ए - राह जलता रहा,
आंधियां तेज़ थी पागलों की तरह.
है तकद्दुस दिलों में जर- ओ - माल का ,
जाने क्यों मंदिरों मस्जिदों की तरह.
वह घड़ी भर में झंझोड़ कर चल दिया,
मेरे जज्बात को आँधियों की तरह.
दास्तान -ए-दर्द दिल मेरी आँखों से ,
आज "रजनी" रवाँ आंसुओं की तरह .
तकद्दुस--श्रद्धा
रवाँ -- बहना ,जारी रहना.
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "