फेरते हो नज़रें मुझसे , बचने के लिए
बंद आँखों में भी मेरा दीदार हो जायेगा.
तेरे उल्फ़त के मारे हम ,
नफ़रत भी दोगे तो प्यार हो जायेगा .
चाहत नहीं आसमां हो मेरी मुटठी में,
तेरा आँगन ही सारा संसार हो जायेगा.
चाहत की क़ीमत न लगा ये अनमोल है ,
वर्ना प्रेम एक व्यापार हो जायेगा.
अब तक ख़ामोश हैं मेरी निगाहें,
बोल उठी तो सुनना नागवार हो जायेगा.
है अंधेरों से भरी मेरी जीवन की राहें,
साथ दो , रौशन मेरा संसार हो जायेगा.
फेरते हो नज़रें मुझसे बचने के लिए
बंद आँखों में भी मेरा दीदार हो जायेगा.
"रजनी"