लौट आने को,
क्यों कहते हो ?
उन ख़्वाबों को,
कल तक जो
तुम्हारे थे
आज वो मेरे हैं |
ऐसा नहीं,
कि जो ख़्वाब
कल तक
तुम्हारे पलकों पर सजते थे
रूठ गए तुमसे |
सच तो ये है
अब वो
हमदोनों के हो गए हैं |
और जो एक हैं
उनमें कैसी दूरी
कैसा बंटवारा ?
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"
क्यों कहते हो ?
उन ख़्वाबों को,
कल तक जो
तुम्हारे थे
आज वो मेरे हैं |
ऐसा नहीं,
कि जो ख़्वाब
कल तक
तुम्हारे पलकों पर सजते थे
रूठ गए तुमसे |
सच तो ये है
अब वो
हमदोनों के हो गए हैं |
और जो एक हैं
उनमें कैसी दूरी
कैसा बंटवारा ?
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"