"
चुनौती के ,
सागर में,
डूबना ,
तभी सफल,
और,
आनंददायक,
लगता है
जब,
चुनौती का सागर,
गहरा हो ."
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "
रविवार, जुलाई 11, 2010
जब, चुनौती का सागर, गहरा हो ."
Posted by डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) at 11.7.10 6 comments
Labels: Poems
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