रिश्ता एक ऐसी ईमारत है जो विश्वास की बुनियाद पर टिका है,कोई भी मंदिर या मस्जिद एक बार टूटकर दुबारा खड़ी की जा सकती है, पर रिश्ता की ईमारत विश्वास की नीव पर है इस विश्वास रूपी नीव के टूटने पर रिश्तों के महल पल में टूटकर बिखर जाते हैं, चूर हो जाते हैं,जीवन में हम अनेक रिश्तों से बंधें हैं,जिसमे कई रिश्तों को हम ता उम्र निभाने की सोंचते हैं बिना किसी कड़वाहट के,और उस रिश्ते को निभाने में कोई ऐसा मुकाम आ जाये जो रिश्ते को तार,तार कर रख दे तो जीवन का सफ़र बिल्कुल नीरस लगता है, टूट जाता है जीवन का सपना, हम जिस पर विश्वास कर अपने जीवन की डोर उसके हाथों में सौंप दें और विश्वास करनेवाला विश्वास तोड़ता नज़र आये, तो रिश्ते की कोई अहमियत नहीं रह जाती, अगर आप विश्वास करते हों तो विश्वास को सदा बनाये रखें, क्योंकि विश्वास की बुनियाद पर ही रिश्तों के महल टिके हैं.........जितना गहरा रिश्ता उतना ही गहरा विश्वास, और जब ये गहरे से विश्वास अचानक से टूटते हैं तो टुकड़े ही नहीं रिश्ते चूर हो जाते हैं, रिश्तों की गरिमा बनाये रखने के लिए अपने साथ जुड़े लोगों परहमें विश्वास बनाये रखना चाहिए और विश्वास को टूटने नहीं देना चाहिए........................................
रिश्ते
कांच के बने होते हैं रिश्ते ,
"रजनी"