बुधवार, मार्च 07, 2012

इस बार होली में

 दिल  का टुकड़ा , रहा बरस भर घर से  बाहर
माँ  चूमे  मुखड़ा , घर  बेटा आया होली   में |

मेहँदी   छूटने  से पहले  चला गया  परदेश   जो
बिछड़ी उस विरहन से मिलने , आया  होली   में |

जिस बेटी की हुई विदाई इसी माह  के अन्दर,
पलकें भींगी राह तकेगी, इस बार   होली  में |

कल तक  रंजिश   थी  जिसको  जिस किसी  से ,
मिलकर  साथ  में ,  धो  डालो  रंजिश होली  में |

सूना है "रजनी" वो छोड़कर  फिरसे   चला जायेगा ,
जो  रंग कभी ना जायेगा,   डालो इस बार  होली में |




17 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत बेहतरीन प्रस्तुति,सुंदर भाव की रचना
रजनी जी,.सपरिवार होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए.....
बहुत दिनों से पोस्ट पर नही आई,आइये स्वागत है

RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति| होली की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ|

रविकर ने कहा…

एक साल सचमुच हुआ, पुत्र बसा परदेस |
अंत वित्तीय वर्ष कर, आएगा फिर देस ।
आएगा फिर देस, बेटियां घर को आईं ।
गलाकाट यह रेस, कैरिअर और पढ़ाई ।
होली का त्यौहार, दिवाली रक्षाबंधन ।
झूठे होते पार, साल से मेरे आँगन ।।

दिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक

dineshkidillagi.blogspot.com

होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।

कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।

Rakesh Kumar ने कहा…

वाह! लाजबाब प्रस्तुति.
होली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग आपके न आने से
उदास हूँ.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति ... होली की शुभकामनायें

रविकर ने कहा…

चले चकल्लस चार-दिन, होली रंग-बहार |
ढर्रा चर्चा का बदल, बदल गई सरकार ||

शुक्रवारीय चर्चा मंच पर--
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ||

charchamanch.blogspot.com

sangita ने कहा…

बहुत प्रभाव शाली भाव भीनी पोस्ट है फागुन की बधाई

मदन शर्मा ने कहा…

सुन्दर गीत ....होली एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं जी आपको

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

dheerendra ji .......
Patali-The-Village ji

rakesh ji..
रविकर ji
संगीता didi.......

sangita ji.......

madan ji.......

yashvant ji.........

Aap sabhi ko mera tahedil se sukriya......v holi ki shubhmanayen, aaj holi ki pakvano ko babane me lagi hun jyada samay nahi de pa rahi......aap sabhi ke blog par jarur pahunchhungi .....

रविकर ने कहा…

आज--
समय नहीं पकवान चाहिए |
गुझिया पापड़ दान चाहिए ||

udaya veer singh ने कहा…

सुन्दर सुरुचिपूर्ण, सृजन ,अभिव्यक्ति को स्वर प्रदान करता प्रभावशाली है ..... बधाईयाँ जी /

Akhil ने कहा…

होली की शुभकामनाओं के साथ सुन्दर रचना के लिए बधाई..

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत खूबसूरत रचना रजनी जी...
बधाई..

Saras ने कहा…

कितने ही भाव समेटे हुए है आपकी कविता ....एक माँ, एक सजनी एक विरहन की व्यथा ....बहुत सुन्दर

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

सुन्दर रचना....
होली की सादर बधाईयाँ...

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

out of station thi, mafi ke sath blog par upsthit hun.......aap sabhi ko hardik aabhar , apna bahumulya samay mere blog ko diya........

दिगम्बर नासवा ने कहा…

इसी को तो होली कहते हैं ... गीले शिकवे मिट जाते हैं ... रंग खिल जाते हैं ...