गुरुवार, सितंबर 16, 2010

पाना आसान नहीं , मंजिल की राह,

"ख़्वाब सजते हैं,
पलकों पर,
आसानी के साथ,
साकार करने में ,
मुद्दत भी लग जाते हैं,
पाना आसान नहीं ,
मंजिल की राह,
पाने में मंजिल,
पैर को ,
छाले भी पड़ जाते हैं."

"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"