गुरुवार, अगस्त 26, 2010

हर जर्रे में तू है ये अहसास तो है

गुलजार है गुलशन मेरा आज भी तसव्वुर में ,
हर जर्रे में तू है ये अहसास तो है ,
उन कहकहों का क्या करूँ  ?
जो याद आ कर आज दिल को जलाती हैं ".

9 comments:

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

khul ke hasso......aur dil ko jalne se pahle hi unhe hawa me uda do..:D

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

khul ke hasso......aur dil ko jalne se pahle hi unhe hawa me uda do..:D

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

sahi kaha aapne .........

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

dil ko chhoo lene wali rachhna..badhai

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

dil ko chhoo lene wali rachhna..badhai

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

hardik sukriya vijay ji

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति.

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

anamika ji aabhar

Anamikaghatak ने कहा…

bahut sahii likha hai aapne...........