लौट आने को,
क्यों कहते हो ?
उन ख़्वाबों को,
कल तक जो
तुम्हारे थे
आज वो मेरे हैं |
ऐसा नहीं,
कि जो ख़्वाब
कल तक
तुम्हारे पलकों पर सजते थे
रूठ गए तुमसे |
सच तो ये है
अब वो
हमदोनों के हो गए हैं |
और जो एक हैं
उनमें कैसी दूरी
कैसा बंटवारा ?
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"
क्यों कहते हो ?
उन ख़्वाबों को,
कल तक जो
तुम्हारे थे
आज वो मेरे हैं |
ऐसा नहीं,
कि जो ख़्वाब
कल तक
तुम्हारे पलकों पर सजते थे
रूठ गए तुमसे |
सच तो ये है
अब वो
हमदोनों के हो गए हैं |
और जो एक हैं
उनमें कैसी दूरी
कैसा बंटवारा ?
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा"
11 comments:
sundar, shunyeta me ekta ko prabhasit karti aapki kirti
badhai
बस एक शब्द: खूबसूरत!!!
आशीष
khubshurat........badhiya!!
alok ji ..........hardik aabhar hai aapko .
aashish ji aapko bhi hardik sukriya aate rahiye.........sneh milta rahe.....
mukesh ji sukriya ye sneh bana rahe...........
सच तो ये है कि ,
अब वो ,
हमदोनों के हो गए हैं.
और जो एक हैं ,
उनमे कैसी दूरी,
और कैसा बंटवारा.
जी रजनी,
बंटवारा वहीं होता है जहां एक होने की गुंजाइश नहीं होती।
Dear Sir/Mam
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<a href="http://biharicomment.blogspot.com>राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो</a>
and give your valuable comment.
Thanks
hardik sukriya .............zahid ji........
abhishek ji aapko bhi hardik sukriya ..
aaj aapki kai rachnaon ko padha.aap bahut achcha likhti hain.aap jharkhand se hain yah jaankar aur bhi khushi hui.shubkaamnayen.
hardik aabhar sandhya ji ,mera saubhagya ham ek hi state ke hain .
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