सोमवार, अगस्त 31, 2015

मेरी क़लम भाई- बहन के इस पावन पर्व रक्षा बंधन पर कुछ कह रही है..


भूल कर गीले-शिकवे तोहमत और तक़रार
भाई के कलाई पर बंध जाये बहन का प्यार
सजे कलाई राखी से जिन भाईयों की आज
हर्षित हो फिरें वो लिए गौरव का ताज़
सरहद पर मेरे भैया मत होना उदास
लाखों बहनों की राखी गयी होंगी तेरे पास
बहन कुमारी पास में राखी लिए तैयार
बहनें विवाहिता मिलने को बेकरार
जिन्हें मिली तक़दीर से बहन की सौगात
फिर कैसे सूनी रहे राखी बिन उनके हाथ
इन दिनों चल रही जिनकी बहनें नाराज़
तोहफा इस बार राखी में दे दें उनको प्याज smile emoticon
"रजनी मल्होत्रा नैय्यर "

मंगलवार, अगस्त 04, 2015

अपनी आज़ादी के गीत गाते रहे

दे-दे  के वास्ता सीता का  हर  बार  
अपनी तमन्नाओं को लोग सुलाते रहे

दहलीज़ से निकलकर ना छोड़ी लाज
दायरे में बंधे  आते  -  जाते   रहे

लांघते  रहे  खीची  लक्ष्मण   रेखा  
कुछ सीखते रहे  कुछ   भुलाते  रहे

तम्मनाएं फैलाती रहीं अपना आकाश
शिकंजे   दूर  पँख   फड़फड़ाते रहे 

संस्कारों के    बांध  कर   पायल
अपनी आज़ादी के  गीत  गाते रहे


 रजनी मल्होत्रा  नैय्यर