उस ज़िन्दगी को,
क्या कहें ?
जो भरी ना हो,
चुनौती से ,
बस एक इरादा ही,
काफी है,
फैसले,
बदलने ले लिए,
हर पल जो,
तैयार हो,
मुश्किलों में भी,
चलने के लिए.
मंगलवार, जून 22, 2010
बस एक इरादा ही, काफी है, फैसले, बदलने ले लिए,
Posted by डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) at 22.6.10 6 comments
Labels: Poems
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