शुक्रवार, जनवरी 29, 2010

क्या किस्मत पाई है किनारों ने

"लहरों की थपेड़ों को साथ साथ सहते हैं दोनों,
आमने सामने होकर भी मिल नहीं पाते,

 क्या किस्मत पाई है किनारों ने .."