तेरे ख्याल से कर लिए दिल को रौशन,
मगर डर है ज़ुबां पर लाएँ तो कैसे ?
जल रहा दिया अब तक अपनी तकदीर से,
मगर डर है छोड़ तूफान में जाएँ तो कैसे ?
करने लगे हैं हर तरफ अब ग़म पहरेदारी ,
खुशियाँ घर में आएँ तो कैसे ?
मुफ़लिसी बन गयी जिनका उमरभर का साथ ,
वो ईद और दिवाली मनाएँ तो कैसे ?
बहुत कुछ बदल दिया मगरीब की हवा ने,
पर अपनी तहज़ीब :रजनी" भुलाएँ तो कैसे ?
मगर डर है ज़ुबां पर लाएँ तो कैसे ?
जल रहा दिया अब तक अपनी तकदीर से,
मगर डर है छोड़ तूफान में जाएँ तो कैसे ?
करने लगे हैं हर तरफ अब ग़म पहरेदारी ,
खुशियाँ घर में आएँ तो कैसे ?
मुफ़लिसी बन गयी जिनका उमरभर का साथ ,
वो ईद और दिवाली मनाएँ तो कैसे ?
बहुत कुछ बदल दिया मगरीब की हवा ने,
पर अपनी तहज़ीब :रजनी" भुलाएँ तो कैसे ?