दिन इधर जो बीते कुछ इस तरह से मेरे
जैसे कोई ख़्वाब से हिलाकर जगा दिया हो
दे कर सामने मुरादों से भरी थाली
लेने की सूरत में फ़ौरन हटा दिया हो
हसरतें देकर"रजनी" उमंगों से जीने की
आख़िरी ख्वाहिश में कज़ा दे दिया हो
जैसे कोई ख़्वाब से हिलाकर जगा दिया हो
दे कर सामने मुरादों से भरी थाली
लेने की सूरत में फ़ौरन हटा दिया हो
हसरतें देकर"रजनी" उमंगों से जीने की
आख़िरी ख्वाहिश में कज़ा दे दिया हो