बुधवार, अप्रैल 06, 2011

"स्वप्न मरते नहीं "



काव्य संग्रह "स्वप्न मरते नहीं " मेरी पहली  पुस्तक प्रकाशित होकर आ गयी है .

स्वपन मरते नहीं,
कुछ क्षीण हो जाते हैं,
हाँ आशान्वित होकर,
उस टूटे सपनो से,
अधीर होते हैं हम,
पर,
उस अधीरता में भी जो,
धीरज ना खोते हैं,
वो बिखर कर भी,
अपने मुट्ठी में,
अपने ख्वाबों का जहाँ ko,
हकीकत में,
साकार कर लेते हैं.
 
 
"रजनी नैय्यर मल्होत्रा "

18 comments:

Roshi ने कहा…

sach mein swapn kabhi marte nahi hai

Khare A ने कहा…

insaan swapn dekhna band kar de to samjho, life khatm!

achhi rachna

आनंद ने कहा…

very true स्वपन मरते नहीं,
कुछ क्षीण हो जाते हैं,
उस अधीरता में भी जो,
धीरज ना खोते हैं,
वो ही तो अपने सपने साकार कर पाते हैं ...पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ अच्छा लगा साधुवाद !

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

hardik aabhar .....rosi ji ....

khare ji......

anand ji........

aap sabhi ko mera hardik aabhar

ZEAL ने कहा…

जब तक जीवन है , स्वप्न कभी मरते नहीं । नयी पुस्तक के लिए बधाई । एक पार्टी due हो गयी।

amrendra "amar" ने कहा…

pustak ke liye badhai ,

Anupama Tripathi ने कहा…

swpna hi jeevan darshan dete hain .sunder rachna .

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बिल्कुल सही ....स्वप्न नहीं मरते..... पुस्तक के लिए बधाइयाँ.....

वाणी गीत ने कहा…

स्वप्न मरते नहीं , सिर्फ क्षीण हो जाते हैं ...
बहुत सही !
किताब के प्रकाशन के लिए बहुत बधाई !

Sadhana Vaid ने कहा…

बहुत सार्थक संदेश देती एक प्रेरणादायी रचना ! बधाई स्वीकार करें !

Akhil ने कहा…

bahut sundar rachna lagi Rajani ji...sambhavtah aaj pahli baar aapko padha..bahut sundar aur sarthak lekhan hai aapka...bahut bahut abhivaadan...

VIVEK VK JAIN ने कहा…

cngrtulations........
aapki pahli kitab ke liye aapko bahut badhaiyaan.

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति..आपकी नयी पुस्तक के प्रकाशन पर बधाई!

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

aap sabhi ko mera hardik naman ...

apna sneh yun hi bnaye rakhiyega network ki presani ki vajah se jald nahi aa payi ....

संजय भास्‍कर ने कहा…

किताब के प्रकाशन के लिए बहुत बधाई !

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुति..आपकी नयी पुस्तक के प्रकाशन पर बधाई!

abhi ने कहा…

हाँ, सही में ऐसा होता है...
लेकिन हमेशा और सबके साथ नहीं :)

किताब कि बधाई.

BHUSHAN ने कहा…

aap shahi bol rhe hai