मंगलवार, फ़रवरी 16, 2010

मेरे पास अब देने को , प्यार कहाँ साकी है,

एक बार जला है दिल ,
अब जलने को क्या बाकि है,
मेरे पास अब देने को ,
प्यार कहाँ साकी है,
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जिस दिन हम तुम्हें भूल जायेंगे,
समझ लेना भरोसा उठ गया प्यार से,
टूटेगा उस दिन नाता याद करने का,
जब चले जायेंगे हम संसार से.


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हजारों थे चाहनेवाले जिनके,
वो किसी और के दीवाने हो गए,
क्यूँ ना हो किस्मत पे गुरुर उनको ,
जो जलते थे वो जलानेवाले हो गए.

क्या किस्मत पाई है, किनारों ने.

लहरों की थपेड़ों को
साथ-साथ सहते हैं दोनों,
आमने सामने होकर भी
मिल नहीं पाते
क्या क़िस्मत पाई है
किनारों ने |

दर्द उठे जिगर में
भर जाती  हैं दोनों
मगर फिर भी 
मिल नहीं पाती
क्या क़िस्मत  पाई है
निगाहों ने |

भरे हैं नभ में
असंख्य विस्तार से
नज़दीक  हो कर भी
मिल नहीं पाते,
क्या क़िस्मत  पाई है,
सितारों ने |