"आह अभी तू यूँ दस्तक ना दे,
दर्द अभी भरा नहीं,
छलका नहीं गम के प्यालों से,
जब वो बिखर जाये पलकों से,
आ जाना तब मेरे रुखसारों पे."
"रजनी मल्होत्रा नैय्यर."
गुरुवार, सितंबर 30, 2010
आह अभी तू यूँ दस्तक ना दे
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4 comments:
Wah... Aah ko nimantran vo bhi itne pyar se... Beautiful
Beautiful
Beautiful
aap dono ko aabhar .........
very nice ............
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