गुरुवार, दिसंबर 17, 2009

मधुशाला भी छोटा पड़ जाये, इतना मद है उनके आँखों में,

मेरी ये नज्म नायक तथा नायिका दोनों के लिए है..........

मधुशाला भी फीका  पड़ जाये,
इतना मद है उसकी  आँखों में,

हर  मन  को  चंचल कर जाये ,
ऐसी खुशबू है उनकी  सांसों में,

मिसरी    भी  फीकी   पड़ जाए,
ऐसी  मधुरता  उनकी  बातों  में,


दूर  होकर  भी  वो  पास  है  मेरे,
इस  तरह  बसा  है  मेरी  यादों मैं| 

हर    शह    को   मात   दे  जाये   ,
ऐसी  अदा   है  उनकी  चालों  में |

मधुशाला भी  फीका   पड़  जाये,
इतना  मद है  उसकी  आँखों  में.

"रजनी"