सोमवार, मार्च 21, 2022

ले गुलाबी दुआ, जा तुझे इश्क़ हो (ग़ज़ल)

 होली हास्य में डूबी हुई एक ग़ज़ल 👇


आज उसने कहा,जा तुझे  इश्क़  हो

हाल दिल का सुना,जा तुझे इश्क़ हो


दिलरुबा कोई तुझको मिले प्यार से

तू भी हो बावरा, जा  तुझे  इश्क़  हो


हिज्र  का ग़म  तुझे भी  सताये कभी

तू  करे  रतजगा, जा  तुझे  इश्क़  हो


क्यों  दहलता  है तू  प्यार के नाम से

इश्क़ में  डूब जा, जा  तुझे इश्क़  हो


कौन  देता किसी  को हसीं  ये  दुआ

ले  गुलाबी  दुआ, जा  तुझे इश्क़  हो


डॉ. रजनी मल्होत्रा नैय्यर

बोकारो थर्मल, झारखंड

6 comments:

Jyoti Dehliwal ने कहा…

बहुत सुंदर।

नूपुरं noopuram ने कहा…

बेहतरीन! मज़ा आ गया !
जा तुझे इश्क हो !

😂

रेणु ने कहा…

आज उसने कहा,जा तुझे इश्क़ हो
हाल दिल का सुना,जा तुझे इश्क़ हो

दिलरुबा कोई तुझको मिले प्यार से
तू भी हो बावरा, जा तुझे इश्क़ हो
बहुत ही भावपूर्ण अभिव्यक्ति प्रिय रजनी जी।क्या खूब लिखा---
जा तुझे इश्क हो 👌👌🙏

शुभा ने कहा…

वाह!खूबसूरत सृजन

Sudha Devrani ने कहा…

जा तुझे इश्क हो..ये गुलाबी दुआ...
इश्क का रोग और दुआ !
बहुत सुन्दर सृजन
वाह!!!

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

आप सभी को धन्यवाद 😊🙏