बुधवार, जून 23, 2010

इतिफाक से ही , सामना तो, हो ही जाता है, मुश्किलों से,

इतिफाक से ही ,
पर,
सामना तो,
हो ही जाता है,
मुश्किलों से,
सबका.
हम उसे,
स्वीकार करें,
या ना करें,
पर,
नियति अपने,
तय समय पर,
हर कार्य को करती है .

2 comments:

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

har ke jindagi me mushkil hai, bas ye alag baat hai koi isse jhelta hai koi isko khatm kar ke aage badh jata hai......:)

badhiya...!

hamare blog pe posts aapke intzaar me rahta hai.......:)

बेनामी ने कहा…

आपका अंदाजे बयां मन को भा गया।
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क्या आप बता सकते हैं कि इंसान और साँप में कौन ज़्यादा ज़हरीला होता है?
अगर हाँ, तो फिर चले आइए रहस्य और रोमाँच से भरी एक नवीन दुनिया में आपका स्वागत है।