tag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post1123379591020200823..comments2023-07-17T02:50:34.046-07:00Comments on चाँदनी रात ( लक्ष्य ) : फिर कैसे हँसकर, मिलन हो तुझसेडॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) http://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-56092390814205233322010-05-17T23:47:57.719-07:002010-05-17T23:47:57.719-07:00hamesha ki tareh dil ko chu gayi..........hamesha ki tareh dil ko chu gayi..........amrendra "amar"https://www.blogger.com/profile/00750610107988470826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-76651285288286885562010-05-13T17:09:09.675-07:002010-05-13T17:09:09.675-07:00rakesh ji is prshnsa ke liye aabhari hun, sneh mil...rakesh ji is prshnsa ke liye aabhari hun, sneh milta rahe.डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-39601993770960321692010-05-13T07:47:58.321-07:002010-05-13T07:47:58.321-07:00क्या बात कही है आपने - शब्द और भाव हर मायने में प्...क्या बात कही है आपने - शब्द और भाव हर मायने में प्रशंसनीय बहुत खूबAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-76676156187722080052010-05-11T19:34:31.032-07:002010-05-11T19:34:31.032-07:00राजकुमार जी इसमें क्षमा वाली कोई बात नहीं लेख के...राजकुमार जी इसमें क्षमा वाली कोई बात नहीं लेख के अभिव्यक्ति को यदि लेखक पाठक को ना समझा पाए तो इसमें लेख की त्रुटि है ना की पाठक की. मेरे ब्लॉग पर आये आभार .डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-25940408327757824022010-05-11T11:11:55.098-07:002010-05-11T11:11:55.098-07:00यदि मेरी टिप्पणी से आपको कष्ट पहुंचा हो तो आपसे क्...यदि मेरी टिप्पणी से आपको कष्ट पहुंचा हो तो आपसे क्षमा चाहता हूं। आपकी टिप्पणी के बाद चीजें साफ हो गई है।राजकुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/07846559374575071494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-78761292296763942582010-05-11T10:04:29.468-07:002010-05-11T10:04:29.468-07:00so nice of youso nice of yourupesh inglehttps://www.blogger.com/profile/03614226203155963075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-42216582594864864282010-05-11T05:23:15.789-07:002010-05-11T05:23:15.789-07:00बहुत अच्छी कविता आपके विचारों को प्रस्तुत करती हुय...बहुत अच्छी कविता आपके विचारों को प्रस्तुत करती हुयी।<br />शायद मै आपके ब्लाग पर पहली बार आया।<br /><br />काव्यं करोति कविनाम् अर्थ जानति पंडिता।<br />कवि अपनी कविता को किन मनोभावों के साथ रचता है<br />यह केवल कवि ही जानता है लेकिन लोग उसका अर्थ जानने के लिए स्वविवेक का उपयोग करते हैं।<br />एक शब्द के अनेकार्थ होने के कारण कभी कभी उसके मूल अर्थ भी बदल जाते हैं।<br /><br />मेरे मन में उपरोक्त वि्चार आपकी और राजकुमार जी के टिप्पणी संवाद को देखकर आए।<br /><br />आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-57949895342103100102010-05-11T04:55:22.668-07:002010-05-11T04:55:22.668-07:00राजकुमार सोनी जी मेरे रचना का अभिप्राय .......
&...राजकुमार सोनी जी मेरे रचना का अभिप्राय .......<br /><br />"ज़िन्दगी ,<br />तुझे, मेरी खुशियाँ रास नहीं,<br />और,<br /> मुझे समझौता ,<br />बता,<br /> फि,<br />र कैसे हँसकर,<br /> मिलन हो तुझसे "<br /><br />सीधी सी बात है,दुनिया में हर कोई सभी चीजों को नहीं पाता,जिसकी वो कामना रखता है,<br />और जो कोई स्वाभिमानी हो जिसे हर बार तकदीर से समझौता करना मंजूर नहीं तो उसके मन में आये भाव जरुर मेरी रचना से मेल करते होंगे, ज़िन्दगी और खुशियाँ दोनों के बीच ये विचार मतभेदी हैं कि इन्सान को अपनी मन चाही हर ख़ुशी नहीं मिलती कहीं ना कहीं उसे समझौता करना ही पड़ता है.जो नहीं समझौता करते वो इस बात से उलझे ये कहते हैं ,जो मैंने रचना में लिखा है. आशा है अब ये बात आसानी से समझ आ जाएगी रचना का अभिप्राय .डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-81863902082349938402010-05-11T03:01:03.535-07:002010-05-11T03:01:03.535-07:00वैसे पता नहीं कि आपने यह रचना किस दशा में लिखी है ...वैसे पता नहीं कि आपने यह रचना किस दशा में लिखी है लेकिन मुझे लगता है कि खुशी तो बगैर समझौते के ही ठीक ढंग से मिलती है। फिर भी रचना बेहतर है। मैं इस बात के लिए परेशान हूं कि वाकई दुनिया में हर कोई कितना परेशान है।राजकुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/07846559374575071494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-43604777222542621272010-05-11T00:14:27.926-07:002010-05-11T00:14:27.926-07:00aap dono ko mera hardik namanaap dono ko mera hardik namanडॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) https://www.blogger.com/profile/00271115616378292676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-81601628308192985972010-05-11T00:06:20.713-07:002010-05-11T00:06:20.713-07:00बहुत ही उम्दा व दिल को छू लेनी वाली रचना लगी ।बहुत ही उम्दा व दिल को छू लेनी वाली रचना लगी ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-6893735229531288692010-05-10T23:51:52.013-07:002010-05-10T23:51:52.013-07:00मन की पवित्रता का परिचय देती सुंदर कवितामन की पवित्रता का परिचय देती सुंदर कवितासंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8639036728562516391.post-71746377803190235782010-05-10T23:27:25.155-07:002010-05-10T23:27:25.155-07:00interesting poem...interesting poem...neelima garghttps://www.blogger.com/profile/07014867750280659771noreply@blogger.com