मेरी ये नज्म नायक तथा नायिका दोनों के लिए है..........
मधुशाला भी फीका पड़ जाये,
इतना मद है उसकी आँखों में,
हर मन को चंचल कर जाये ,
ऐसी खुशबू है उनकी सांसों में,
मिसरी भी फीकी पड़ जाए,
ऐसी मधुरता उनकी बातों में,
दूर होकर भी वो पास है मेरे,
इस तरह बसा है मेरी यादों मैं|
हर शह को मात दे जाये ,
ऐसी अदा है उनकी चालों में |
मधुशाला भी फीका पड़ जाये,
इतना मद है उसकी आँखों में.
"रजनी"
मधुशाला भी फीका पड़ जाये,
इतना मद है उसकी आँखों में,
हर मन को चंचल कर जाये ,
ऐसी खुशबू है उनकी सांसों में,
मिसरी भी फीकी पड़ जाए,
ऐसी मधुरता उनकी बातों में,
दूर होकर भी वो पास है मेरे,
इस तरह बसा है मेरी यादों मैं|
हर शह को मात दे जाये ,
ऐसी अदा है उनकी चालों में |
मधुशाला भी फीका पड़ जाये,
इतना मद है उसकी आँखों में.
"रजनी"